|| आपणी विरासत। आपणी जिम्मेदारी। An initiative by Chittor Darpan
चित्तौड़ दर्पण की तरफ से की गई पहल ,इसका मकसद है चित्तौड़ दुर्ग को प्लास्टिक, कांच और अन्य कचरे से मुक्त करना. ” आपणी विरासत। आपणी जिम्मेदारी ” इस अभियान को नाम दिया गया है |
इस अभियान की जरूरत क्यों है ?
सबसे पहले ये जान लेते है की ये पहल क्यों शुरू की गई है , दरअसल चित्तौडगढ़ दुर्ग यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में शामिल है , यहाँ देश- विदेशों से पर्यटक आते है, परंतु जब इसकी स्वच्छता की बात आती है तो बहुत दुःख होता है , प्रत्येक स्थल पर आपको प्लास्टिक- कांच की बोतल, चिप्स , गुटके, आदि के पाउच देखने को मिलेंगे. ये सारा कचरा चित्तौडगढ़ दुर्ग की ख़ूबसूरती को फीका कर रहा है.
सिर्फ यही नही प्लास्टिक की वजह से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति खत्म हो गई है, जिसके कारण दुर्ग की हरयाली में कमी देखने को मिल रही है , पेड पोधे खत्म हो रहे है, तापमान बढ़ रहा है. इन सभी समस्याओ का समाधान करना अति आवश्यक है , और ये अपनी विरासत है ,और इसको स्वच्छ रखना अपनी ज़िम्मेदारी है |
इसलिए चित्तौड़ दर्पण की तरफ से ये पहल की गई है| हमने ये निर्णय लिया है की प्रत्येक रविवार को सुबह 6 बजे से 9 बजे तक महान चित्तौडगढ़ दुर्ग की सफाई की जाये. हम ये चाहते है की सभी चित्तौड़ वासी इस पहल में सहयोग करें. यदि अधिक संख्या में लोग इस अभियान से जुड़ेंगे तो दुर्ग की सफाई में ज्यादा समय नही लगेगा.
इस पहल की शुरुआत कैसे हुई ?
कहते है सुबह जल्दी उठकर , शुद्ध हवा में गुमने से स्वास्थ ठीक रहता है, इसी सोच के साथ हम (मनीष लामरोड़ एवं राजेश जाट ) जल्दी उठकर चित्तौड़ दुर्ग पर भ्रमण के लिए चले गये, वैसे तो हम कई बार दुर्ग पर जाते रहते है परंतु इस बार हमारे गुमने का नजरिया थोडा अलग था , हम चित्तौड़ दर्पण के माध्यम से पुरे चित्तौड़ को एक अलग रूप देना चाहते है|
चित्तौड़ दुर्ग जो की एक विश्व विरासत स्थल है , देश-विदेश के पर्यटक इससे आकर्षित होते है, परंतु कुछ तो कमी बाकि रह रही है क्योकि पर्यटकों की संख्या उतनी नही है जितनी होनी चाइये. इसलिए हम चित्तौड़ दर्पण के माध्यम से दुर्ग का online promotion करना चाहते है, ताकि इसकी महानता के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग जन पाए.
जब हमने दुर्ग पर फैले हुए प्लास्टिक, कांच आदि कचरे को देखा तो बहुत ज्यादा दुःख हुआ और हमने इसपर विचार किया और एक अभियान की शुरुआत करने का फैसला लिया |
पुरे किल्ले का भ्रमण करके हमने उन सभी जगह का फोटो लिया जो काफी गन्दी कर दी गई है | निचे कुछ फोटो attach किये गये है उनमे आप देख सकते है ,किस प्रकार दारू की , पानी की बोतले फेकी हुई है.
घर आने के बाद हमने निश्चय किया की ये सारी तस्वीरे चित्तौड़ दर्पण Facebook page पर share करेंगे और लोगो को सच बताएँगे. फिर हमने ” आपणी विरासत। आपणी जिम्मेदारी अभियान ” को 16 जून 2019 से शुरू किया. सबसे पहले हमने सूरज पोल को चुना.
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इस video में आप देख सकते है की किस तरह सिर्फ 5 लोगो ने मिलके सूरज पोल प्रवेश द्वार की सफाई करदी. विशेषरूप से हम Parilok School Chittorgarh के director डॉ॰ प्रकाश चौधरी , Medical Student Shiv Jat, Ratnesh Jat ( Network Engineer ) को धन्यवाद देना चाहेंगे, इन्होंने काफी समर्थन प्रदान किया.